श्री चैतन्य चरित्रामृतम

Wednesday 20 May 2020

कृपा मयी किशोरी राधे (kripa mayi shri kishori radhe

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💖🌿राधे राधे🌿💖

*🍂🍁कृपा देखो किशोरी जू की🍁🍂*🌹🙏🌹

एक दिन श्री राधा रानी जी श्यामसुन्दर जी से मिलने निकुंज जा रही थी। मंजरियों ने श्री राधा रानी जी अनुपम अनुपम माधुर्य श्रृंगार किया।

श्री राधा रानी को सुंदर मणि मनिकों से सुसज्जित लहँगा धारण कराया।

लहँगा इतना अनुपम सुंदर उसे देख कर सभी सखिया हर्षित और पुलकित हो गयीं।

मंजरियों से बहुत प्रेम से प्रिया जी के लहँगा बनाया।

लहँगा इतना सुंदर ऐसा लग रहा है श्री जी का माधुर्य प्रेम भर दिया हो उसमें।

सखियाँ सोचती रही अगर श्याम सुंदर इसे देखेंगे तो आनंदित हो जायेंगे।

उस लहँगे पर परम सुंदरता से चित्रकरी की मंजरियों से अनुपम महा भाग्यवान मणियों से सुसज्जित किया।

जब प्रिया जी श्रृंगार करके निकुंज की और चलीं।

सभी सखियाँ पीछे पीछे जा रही उनकी नाम का गुणों का गान करते करते।

कब लहँगा ब्रज रज को छु लेता कभी निकुंज की कलियों फूल पत्तियों को।

आज तो निकुंज में प्रिया जी के पास आने की होड़ सी लग गयी, सभी निकुंज लताओं में प्रिया जी को छुने की।

चारों और निकुंज में आनंद धन बरसने लगा।

हर किसी के ह्रदय में आनंद धन उमड़ पड़ा।

श्री प्रिया जी को आनंदित देख कर, निकुंज श्रीराधा नाम गुणों की ध्वनि से उल्लासित हो उठा।

प्रिया जी निकुंज की ओर चली जा रही हैं।

तभी निकुंज के पेड़ में सूखा पत्ता था, वो प्रिया जी को देख कर भाव विभोर हो उठा।

प्रिया जी को देख इतना करुण ह्रदय से भर गया और मन ही मन किशोरी जू प्राथना से करने लगा।

वो पेड़ निकुंज के रास्ते में हैं।

जब किशोरी निकुंज की ओर पुलकित हो सखियों के साथ जा रही थीं।

जब उस पत्ते के पास से निकली प्रिया जी, उस सूखे पत्ते ने करुण ह्रदय से किशोरी जी को पुकारा।

तभी नकुंज में हल्की सी पवन चली और उस पत्ते पर किशोरी जी ऐसी अहैतुकी ओदार कृपा हुई वो पत्ता पेड़ से टूट कर प्रिया जी के लहँगे से चिपक गया।

कृपा देखो किशोरी जू की किशोरी के लहँगे ने उस सूखे पत्ते को चिपकाये रखा अलग नहीं होने दिया।

सुखा पत्ता किशोरी की, किशोरी जू कृपा देख आनंदित हो गया।

किशोरी जी चली जा रही हैं, निकुंज की ओर, और पत्ता उनके लहँगे से लिपटा हुआ हो।

जब निकुंज द्वार आया तो सभी सखियाँ द्वार पर रुक गयी श्री रूप मंजरी प्रिया जी को निकुंज के अंदर ले गयीं, साथ में वो सूखा पत्ता भी निकुंज में प्रवेश कर गया।

जो निकुंज शिवजी ब्रह्मा बड़े-बड़े महा मुनियों को दुर्लभ है, उस निकुंज में सूखे पत्ते को प्रवेश मिल गया।

वो परम-परम दुर्लभ निकुंज, जिसमें सिर्फ मंजरियों को प्रवेश मिलता, उस निकुंज में श्री जी की अहैतुकी कृपा से उस सूखे पत्ते को प्रवेश मिल गया।

जब प्रिया जी सुकोमल फूलों से बनी शय्या पर विराजमान हुईं।

तो प्रिया जी नजर उस सूखे पत्ते पर गयी। प्रिया जू ने उस सूखे पत्ते को अपने हाथों में लिया और अपने कपोलों से लगा लिया।

प्रिया जी का स्पर्श पाते ही वो सूखा पत्त, एक सुबासित कली बन गया और प्रिया जी ने उसे अपने निकुंज में हमेशा-हमेशा के लिए रख लिया।

कितनी अपार करुणा, कितनी  करुणा की सागर हैं।

जो एक बार उनकी शरण ले लेता है, उसे हमेशा-हमेशा के लिए अपने पास रख लेती हैं।

          🦜🌹🦜जय जय श्री राधे🦜🌹🌿🦜